होम लोन धारकों के लिए खुशखबरी! RBI ने दी बड़ी राहत – जारी की नई गाइडलाइन Home Loan Guidelines

By Meera Sharma

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Home Loan Guidelines

Home Loan Guidelines: भारतीय रिज़र्व बैंक ने हाल ही में होम लोन से जुड़े कुछ महत्वपूर्ण नियम बनाए हैं जो आम ग्राहकों के हित में हैं। यह निर्णय इसलिए लिया गया क्योंकि कई बैंक अपने फायदे के लिए गलत तरीकों का इस्तेमाल कर रहे थे। आरबीआई की जांच में यह बात सामने आई कि बैंक ग्राहकों से अनुचित तरीके से ब्याज वसूल रहे थे।

इन नए नियमों का मुख्य उद्देश्य बैंकिंग व्यवस्था में पारदर्शिता लाना और ग्राहकों के साथ हो रहे अन्याय को रोकना है। अब बैंकों को तय किए गए नियमों के अनुसार ही काम करना होगा और वे अपनी मर्जी से कोई भी फैसला नहीं ले सकेंगे। यह कदम करोड़ों होम लोन लेने वाले लोगों के लिए राहत की बात है।

बैंकों की गलत प्रथाओं का पर्दाफाश

आरबीआई की जांच में कई चौंकाने वाली बातें सामने आई हैं। अधिकांश बैंक होम लोन की मंजूरी मिलते ही ब्याज वसूलना शुरू कर देते थे, भले ही ग्राहक को वास्तव में पैसा मिला हो या न मिला हो। कुछ मामलों में तो बैंक चेक जारी करने की तारीख से ही ब्याज गिनना शुरू कर देते थे, जबकि चेक ग्राहक को कई दिन बाद मिलता था।

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इस गलत प्रथा के कारण ग्राहकों को उस पैसे पर भी ब्याज देना पड़ता था जिसका उन्होंने वास्तव में उपयोग ही नहीं किया था। यह स्थिति न केवल अनुचित थी बल्कि ग्राहकों के साथ धोखाधड़ी के समान थी। इसी समस्या को हल करने के लिए आरबीआई ने सख्त कार्रवाई की है।

डिजिटल ट्रांसफर की अनिवार्यता

नए नियमों के अनुसार अब सभी बैंकों को चेक के माध्यम से होम लोन देने की प्रथा बंद करनी होगी। अब लोन की पूरी राशि सीधे ग्राहक के बैंक खाते में ऑनलाइन ट्रांसफर करनी होगी। इस व्यवस्था से यह स्पष्ट हो जाएगा कि वास्तव में कौन से दिन ग्राहक को पैसा मिला है और उसी दिन से ब्याज की गणना शुरू होगी।

यह बदलाव बैंकिंग प्रक्रिया में पारदर्शिता लाएगा और ग्राहकों के साथ किसी भी प्रकार की धोखाधड़ी की संभावना को खत्म करेगा। डिजिटल ट्रांसफर से ग्राहकों को तुरंत पता चल जाएगा कि उनके खाते में पैसा आ गया है। इससे बैंकों को थोड़ा नुकसान जरूर होगा क्योंकि वे अब अतिरिक्त ब्याज नहीं वसूल सकेंगे।

ब्याज गणना में आने वाले सुधार

नई गाइडलाइन के अनुसार अब कोई भी बैंक या गैर-बैंकिंग वित्तीय कंपनी केवल उसी दिन से ब्याज वसूल कर सकती है जब वास्तव में लोन की राशि ग्राहक के खाते में जमा हो जाए। अब कोई भी बैंक लोन अप्रूवल की तारीख या चेक जारी करने की तारीख से ब्याज नहीं जोड़ सकेगा।

यह नियम उन लाखों लोगों के लिए राहत की बात है जिन्होंने पहले से होम लोन लिया है या भविष्य में लेने की योजना बना रहे हैं। अब ग्राहकों को यह चिंता नहीं करनी होगी कि कहीं वे किसी अदृश्य तारीख से ब्याज तो नहीं दे रहे हैं।

प्रोसेसिंग फीस की जानकारी

होम लोन लेते समय ब्याज के अलावा प्रोसेसिंग फीस भी एक महत्वपूर्ण खर्च है। विभिन्न बैंकों में यह फीस अलग-अलग होती है। स्टेट बैंक ऑफ इंडिया में यह लोन राशि का लगभग शून्य दशमलव पैंतीस प्रतिशत होती है। एचडीएफसी बैंक एक प्रतिशत तक वसूलता है जबकि आईसीआईसीआई बैंक में यह दर शून्य दशमलव पांच से दो प्रतिशत तक हो सकती है।

इन सभी बदलावों के साथ अब होम लोन लेना अधिक पारदर्शी और न्यायसंगत प्रक्रिया बन गई है। आरबीआई का यह कदम ग्राहकों के हितों की रक्षा करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण प्रगति है।


अस्वीकरण: यह लेख सामान्य जानकारी के उद्देश्य से तैयार किया गया है। होम लोन के नियम और शर्तें समय-समय पर बदल सकती हैं। वास्तविक लोन लेने से पहले संबंधित बैंक और आरबीआई की आधिकारिक वेबसाइट से नवीनतम जानकारी अवश्य प्राप्त करें।

Meera Sharma

Meera Sharma is a talented writer and editor at a top news portal, shining with her concise takes on government schemes, news, tech, and automobiles. Her engaging style and sharp insights make her a beloved voice in journalism.

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